भारत में चिप निर्माण की शुरुआत: असम और गुजरात का बड़ा कदम
असम और गुजरात से भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति
भारत में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। असम के जागीरोड और गुजरात में चिप निर्माण का कार्य 2025 से शुरू होने वाला है। यह भारत के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि सेमीकंडक्टर चिप्स आधुनिक तकनीक की रीढ़ हैं। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
सेमीकंडक्टर क्या है?
सेमीकंडक्टर एक ऐसा पदार्थ है जो विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करता है। यह न तो पूरी तरह से कंडक्टर (विद्युत प्रवाह को पूरी तरह से गुजरने देने वाला) होता है और न ही इंसुलेटर (विद्युत प्रवाह को रोकने वाला)। सेमीकंडक्टर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, एयरप्लेन आदि में होता है। यह तकनीक की दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है।
चिप क्या है?
चिप एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसमें लाखों ट्रांजिस्टर होते हैं। यह किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का मस्तिष्क (ब्रेन) होता है।
• हमारे मोबाइल फोन, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, और अन्य उपकरणों के संचालन के लिए चिप्स का उपयोग किया जाता है।
• यह डिवाइस के सभी डेटा और निर्देशों को स्टोर और प्रोसेस करता है।
• इसे आसान भाषा में कमांड चिप भी कहा जा सकता है, क्योंकि यह डिवाइस के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है।
भारत में चिप निर्माण की शुरुआत
असम के जागीरोड और गुजरात में चिप निर्माण के कारखाने स्थापित किए जा रहे हैं। इन फैक्टरियों में चिप्स का निर्माण किया जाएगा, जो भारत को वैश्विक स्तर पर चिप उत्पादन के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
• असम में चिप उत्पादन से भारत में 3000 से अधिक चिप्स के आयात की आवश्यकता कम होगी।
• इससे भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और वैश्विक बाजार में भारत को मजबूती मिलेगी।
वर्तमान में विश्व में चिप उत्पादन
आज की दुनिया में हर दिन लगभग 90,000 चिप्स का उत्पादन होता है। इनमें से:
| चिप निर्माण देश | कौन कितना चिप निर्माण करते है |
|---|---|
| ताइवान | 60% |
| दक्षिण कोरिया | 15 – 20% |
| अमेरिका | 10 – 12% |
| जापान | 10 – 13% |
| चीन | 5 – 10% |
भारत के लिए चिप्स क्यों हैं महत्वपूर्ण?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग और डिजिटल दुनिया के विस्तार के कारण चिप्स का महत्व और बढ़ गया है।
• हर तरह के स्मार्ट उपकरण चिप्स पर निर्भर होते हैं।
• चिप्स के निर्माण से भारत को तकनीकी क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।
• यह भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
सेमीकंडक्टर निर्माण में भारत का भविष्य
भारत ने सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है। असम और गुजरात के ये प्रोजेक्ट्स न केवल भारत को तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेंगे।
• यह चिप निर्माण पहल नई पीढ़ी को तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगी।
• भारत अब तकनीकी उत्पादों के आयात पर निर्भरता कम करके उन्हें निर्यात करने की ओर बढ़ेगा।
निष्कर्ष
चिप्स और सेमीकंडक्टर तकनीक की दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण हैं। भारत का चिप निर्माण क्षेत्र में कदम रखना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। जागीरोड, असम और गुजरात जैसे स्थान भारत के तकनीकी भविष्य को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
