धुबरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान बवाल: स्थानीय लोगों ने की पत्थरबाजी, बुलडोजर पर हमला, पुलिस पर भी हमला
धुबरी (असम) — असम के धुबरी ज़िले में बुधवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हालात उस समय बेकाबू हो गए जब स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अमले पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के आदेश के बाद चलाए जा रहे इस व्यापक अभियान के दौरान न केवल बुलडोजर पर हमला हुआ, बल्कि पुलिस बल पर भी भीड़ ने मिलकर हमला कर दिया।
प्रशासन की टीम जब बुलडोजर लेकर इलाके में पहुंची और लोगों से घर खाली करने को कहा गया, तभी माहौल तनावपूर्ण होता चला गया। गांववालों ने पहले तो घर खाली करने से मना किया, और बाद में बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर प्रशासनिक टीम पर हमला कर दिया। कई स्थानों पर तोड़फोड़ के बीच पथराव और बलप्रयोग की नौबत भी आ गई।
👉 मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि "सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" उन्होंने इस पूरे अभियान को "न्यायोचित और कानूनी प्रक्रिया के तहत" बताया है। उनका दावा है कि सभी प्रभावित परिवारों को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका था, ताकि उन्हें स्थानांतरित होने का पूरा समय मिले।
👉 स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
गांव - बोरोगोपाल, इलाका - गोलकगंज, जिला - धुबरी के निवासी महमूद अली ने कहा,
“हम यहां 20 साल से रह रहे हैं। अब अचानक सरकार हमें बेघर कर रही है। हमें रहने के लिए कोई और विकल्प भी नहीं दिया गया।”
वहीं, गांव - मनिकजारा के मोहम्मद रफीक, जो अपने बच्चों के साथ फुटपाथ पर आ गए हैं, ने कहा कि
"हमें सिर्फ 3 दिन पहले नोटिस मिला। इतने कम समय में हम कहां जाते?"
👉 पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस के अनुसार, हिंसा भड़काने वाले लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
धुबरी पुलिस अधीक्षक ने बताया कि
"हमारे 3 जवान घायल हुए हैं। कुछ सरकारी वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। हमने संयम से काम लिया, लेकिन अब हम सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।"
👉 अभियान का दायरा और राजनीतिक प्रतिक्रिया
सरकार ने अब तक असम के कई जिलों में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया है, लेकिन धुबरी में पहली बार इस स्तर की हिंसा देखने को मिली है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस के नेता देबब्रत सैकिया ने कहा:
“यह मानवता के खिलाफ है। बिना वैकल्पिक पुनर्वास योजना के इस तरह की कार्रवाई अमानवीय है।”