BPSC परीक्षा और खान सर की गिरफ्तारी पर विस्तृत खबर।
1. BPSC क्या है?
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) राज्य सरकार के लिए विभिन्न सिविल सेवाओं में अधिकारियों की भर्ती करता है। यह आयोग परीक्षाओं के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों का चयन करता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक सेवाओं में पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर भर्ती सुनिश्चित करना है।
2. नॉर्मलाइजेशन क्या है?
नॉर्मलाइजेशन एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग परीक्षाओं में किया जाता है, विशेष रूप से तब जब एक ही परीक्षा को कई पालियों (shifts) में आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न पालियों में प्रश्न पत्र की कठिनाई के स्तर को संतुलित करना है।
2.1. नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता क्यों होती है?
जब परीक्षाएं एक से अधिक पालियों में आयोजित होती हैं, तो सवालों की कठिनाई में असमानता हो सकती है। नॉर्मलाइजेशन यह सुनिश्चित करता है कि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले। यदि किसी पाली का प्रश्न पत्र कठिन है, तो उस पाली के उम्मीदवारों के अंकों को बढ़ाया जा सकता है ताकि वे अन्य पालियों के उम्मीदवारों के बराबर हो जाएं।
3. BPSC 70वीं परीक्षा विवाद का कारण।
70वीं प्रारंभिक परीक्षा में BPSC ने नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय लिया। छात्रों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया क्योंकि उनका मानना था कि यह उनके अंकों को प्रभावित करेगा। पटना में छात्रों ने आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें खान सर और अन्य शिक्षकों ने भी हिस्सा लिया।
4. खान सर की भूमिका!
खान सर एक प्रसिद्ध शिक्षक हैं, जिनकी पढ़ाने की अनोखी शैली उन्हें लोकप्रिय बनाती है। वह यूट्यूब चैनल के माध्यम से लाखों छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं। इस प्रदर्शन में वह छात्रों के समर्थन में शामिल हुए थे। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था, बल्कि कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था।
5. प्रदर्शन में पुलिस कार्रवाई।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने शांतिपूर्ण विरोध की अपील की, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। इस दौरान खान सर ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की।
6. विवाद और मीडिया कवरेज।
खान सर विवादों में इसलिए भी आए क्योंकि उनकी पुरानी कक्षाओं के वीडियो को सांप्रदायिक रूप से भ्रामक बताया गया। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वीडियो में उन्होंने व्याकरण के उदाहरण देने के लिए 'सुरेश' और 'अब्दुल' नाम का उपयोग किया था, जिसे आलोचकों ने सांप्रदायिक रूप से संदर्भित बताया।
7. निष्कर्ष।
BPSC की परीक्षा और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर छात्रों और शिक्षकों का गुस्सा जायज है, क्योंकि यह उनकी भविष्य की संभावनाओं को प्रभावित करता है। वहीं, खान सर जैसे शिक्षकों का समर्थन छात्रों को नैतिक बल देता है।