असम में गुटखा और पान मसाला प्रतिबंधित: खरीद और सेवन पर भी लगेगा जुर्माना
गुवाहाटी: असम सरकार ने गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि 2025 में लागू होने वाले इस प्रतिबंध से न केवल खरीदार और विक्रेता, बल्कि उपभोक्ताओं पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने नागरिकों को कैंसर और अन्य जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए यह सख्त कदम उठाया है।
गुटखा-पान मसाला से स्वास्थ्य को नुकसान
गुटखा और पान मसाला के सेवन से न केवल कैंसर होता है, बल्कि हड्डियों, दांतों और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इनके दैनिक उपयोग से शारीरिक ऊर्जा (सहनशक्ति) को गंभीर नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति की आयु भी कम होती है।
सभी आयु वर्ग के लोग इसके आदी हो रहे हैं
सरकार ने कहा कि गुटखा और पान मसाला केवल वयस्कों के लिए ही नहीं बल्कि छोटे बच्चों और युवाओं के लिए भी समान रूप से हानिकारक है। स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग इसका सेवन कर रहे थे, जिससे वे इसके आदी होते जा रहे थे। स्वास्थ्य पर आर्थिक लागत बढ़ती जा रही थी। आम आदमी के लिए गुटखा और तंबाकू उत्पादों से होने वाली बीमारियों का इलाज करवाना मुश्किल होता जा रहा था। कैंसर, पेट की समस्या, लीवर की बीमारी और मोटापे जैसी समस्याओं के कारण लोग काफी पैसा खर्च करने को मजबूर हो रहे थे। इसी के चलते अब सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है। सरकार का सख्त रवैया- एफआईआर भी दर्ज होगी मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने साफ कहा है कि अब अगर कोई गुटखा या पान मसाला रखता या बेचता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। प्रशासन और पुलिस को इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। तंबाकू का सेवन बंद करना होगा, तभी जान बचेगी विशेषज्ञों ने भी कहा है कि अगर लोग गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों का सेवन बंद कर दें तो कैंसर और अन्य हानिकारक बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ जीवन के लिए इन हानिकारक चीजों से बचना बहुत जरूरी है। सरकार भी लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है।