बीसीसीआई (BCCI) के नए नियम: खिलाड़ी सिर्फ़ एक मैच में ही अपने रिश्तेदारों के साथ रह सकते हैं, लेकिन दुबई में उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिलेगी
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए खिलाड़ियों और उनके परिवारों के संबंध में एक नया नियम बनाया है। इन नियमों के अनुसार, क्रिकेटरों को अपनी पत्नियों या अन्य रिश्तेदारों के साथ रहने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके साथ एक महत्वपूर्ण शर्त भी जोड़ी गई है।
सिर्फ़ एक मैच के लिए ही परिवार के साथ रहने की अनुमति दी जाएगी
बीसीसीआई के नए निर्देशों के अनुसार, खिलाड़ियों को सिर्फ़ एक मैच के लिए ही अपने परिवार के सदस्यों को अपने साथ रखने की अनुमति है। इसका मतलब है कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ी को यह चुनना होगा कि वह किस मैच में अपने परिवार के सदस्यों को अपने साथ रखना चाहता है।
इसके लिए एक प्रक्रिया बनाई गई है:
मैच का चयन: खिलाड़ी को पहले से यह चुनना होगा कि वह किस मैच में अपने परिवार के सदस्यों को अपने साथ रखना चाहता है।
बीसीसीआई को सूचित करना: चुने गए मैच के बारे में बोर्ड को पहले से सूचित किया जाना चाहिए।
बोर्ड की अनुमति: बीसीसीआई द्वारा इस अनुरोध को स्वीकार करने के बाद ही खिलाड़ी अपने परिवार के सदस्यों को अपने साथ रख सकते हैं।
दुबई में परिवार के रहने पर प्रतिबंध
जहां एक तरफ बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को एक मैच में अपने परिवार को साथ रखने की अनुमति दी है, वहीं दूसरी तरफ यह भी सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ियों के परिवार को दुबई में रहने की अनुमति नहीं होगी।
इसका मतलब यह है कि अगर भारतीय टीम के सभी मैच दुबई में हो रहे हैं, तो खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ रखने की अनुमति नहीं होगी।
नियमों में विरोधाभास?
बीसीसीआई के निर्देशों में बहुत बड़ा विरोधाभास है।
पहले नियम के अनुसार खिलाड़ियों को पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ एक मैच के लिए अपने परिवार को साथ रखने की अनुमति दी गई है।
हालांकि, बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि खिलाड़ियों के परिवारों को दुबई में रहने की अनुमति नहीं होगी।
अब सवाल यह है कि अगर सभी मैच दुबई में हो रहे हैं, तो खिलाड़ियों को परिवार के साथ रखने का नियम कैसे प्रभावी होगा?
बीसीसीआई का संभावित तर्क
बीसीसीआई ने इतने सख्त नियम क्यों लगाए हैं? इसके पीछे कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:
बायो-बबल नियम: कोविड-19 महामारी के दौर से ही ICC और BCCI ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई सख्त नियम बनाए हैं।
प्रबंधन और लॉजिस्टिक्स: खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों के लिए अलग-अलग सुविधाएँ टूर्नामेंट के सुचारू संचालन को प्रभावित कर सकती हैं।
मन की एकाग्रता: खिलाड़ियों को अपने खेल के प्रति रुझान बनाए रखना चाहिए और पूरे टूर्नामेंट के दौरान खुद को पारिवारिक गतिविधियों में उलझाने से बचना चाहिए।
कई खिलाड़ी मनोवैज्ञानिक रूप से तनाव महसूस करेंगे क्योंकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने के दौरान लंबे समय तक अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है।
अगर BCCI इस नियम को बनाए रखता है, तो खिलाड़ियों को टूर्नामेंट के दौरान केवल खेल पर ध्यान केंद्रित करना होगा, लेकिन परिवार के अलग-थलग रहने से उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
BCCI खिलाड़ियों को संतुलन हासिल करने में सहायता करने के लिए इस नियम पर फिर से विचार कर सकता है।
BCCI ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दौरान खिलाड़ियों को अपने परिवार के साथ रहने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। खिलाड़ियों को अपने परिवार को केवल एक मैच के लिए ले जाने की अनुमति है, लेकिन दुबई में इसकी अनुमति नहीं होगी। यह नियम खिलाड़ियों को भ्रमित कर सकता है क्योंकि भारत के सभी मैच दुबई में खेले जाएंगे। अब देखना यह है कि बीसीसीआई इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण देता है या नहीं।