भारत में सालाना आय पर टैक्स: कितनी आय पर टैक्स देना होता है?
भारत में टैक्स प्रणाली को समझना हर नागरिक के लिए आवश्यक है। यह न केवल आपकी आय के हिसाब से टैक्स दायित्व को निर्धारित करता है, बल्कि आपको सही योजना बनाने और सरकारी नियमों का पालन करने में मदद करता है। इस लेख में हम जानेंगे कि सालाना आय के कितने स्तर पर आपको टैक्स देना होता है और टैक्स स्लैब की पूरी जानकारी।
भारत में आयकर की मौजूदा व्यवस्था (वित्तीय वर्ष 2023-24)
भारत में व्यक्तिगत आयकर की गणना आयकर स्लैब के आधार पर की जाती है। इसका मतलब है कि अलग-अलग आय वर्गों पर अलग-अलग दरों से टैक्स लगता है।
नई कर प्रणाली (New Tax Regime) के तहत स्लैबः
नई कर प्रणाली (New Tax Regime) के तहत स्लैब:
पुरानी कर प्रणाली (Old Tax Regime) के तहत स्लैब:
पुरानी प्रणाली के तहत स्लैब थोड़ा अलग है और इसमें कर छूट (डिडक्शन) का प्रावधान है।
| सालाना आय (₹) | टैक्स दर |
| ₹0 - ₹2,50,000 | टैक्स नहीं |
| ₹2,50,001 - ₹5,00,000 | 5% |
| ₹5,00,001 - ₹10,00,000 | 20% |
| ₹10,00,001 से अधिक | 30% |
वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए छूट
1. 60 से 80 वर्ष: ₹3,00,000 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं।
2. 80 वर्ष से अधिक: ₹5,00,000 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं।
कर (Tax) निर्धारण के मुख्य बिंदु
1. छूट और कटौती:
धारा 80C: ₹1.5 लाख तक की कटौती (PF, LIC, NSC आदि)।
धारा 80D: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती।
धारा 80G: दान (चैरिटी) पर छूट।
2. रीबेट (छूट) धारा 87A: ₹5,00,000 तक की आय पर टैक्स की पूरी छूट (केवल पुरानी प्रणाली में लागू)।
टैक्स भरने का सही समय
वेतनभोगी वर्ग: आपके नियोक्ता द्वारा पहले से ही TDS (Tax Deducted at Source) काटा जाता है।
स्वतंत्र पेशेवर और व्यवसायी: अनुमानित कर (Advance Tax) 4 किस्तों में भरना होता है।
ITR फाइलिंग की समय सीमा: हर साल 31 जुलाई।
निष्कर्ष
यदि आपकी सालाना आय ₹2,50,000 (या वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹3,00,000) से अधिक है, तो आपको टैक्स का भुगतान करना होगा। टैक्स स्लैब और छूटों का सही उपयोग करके आप अपने टैक्स को कम कर सकते हैं। सही समय पर टैक्स भरना न केवल एक कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह एक जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण भी है।
अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
आपका क्या विचार है? हमें कमेंट में बताएं!
Tags
Income Tax